कविता

ज़ुबान

यही सत्य है,
हकीकत है,
श्रद्धा और विश्वास है,
अटूट बंधन है ,
नम्रता और सुचिता है,
अध्यात्म से रूबरू होने वाली ताकत है,
समर्पण,मेहनत,जोश और उत्साह है,
सबसे खूबसूरत उपहार है,
इसकी वजह से ही,
ज़ुबान को सम्भालकर रखनी चाहिए,
इसकी सोहबत में रहना ही,
सबसे उत्तम आभार है।

नौकर-चाकर की फ़िक्र जरूरी है,
उन्हें कमतर नहीं आंकनी चाहिए,
क्योंकि वह भी,
अपने घर-परिवार का,
एक उम्मीदों से सराबोर मालिक है,
हम कह सकते हैं,
उनकी कद्र करना चाहिए,
इसकी सोहबत में हमेशा,
साफ-साफ रहनी चाहिए।

इसकी अहमियत काफी है,
शोहरत और उत्साह से भरपूर होने की ताकत और तमन्ना हमेशा कायम रखती है।
नज़रों से देखा जाए तो,
सबसे खूबसूरत दिखती है।

ज़बान की ताकत से,
एक उम्दा महफ़िल सजाई जाती है,
नया इतिहास रचने वाले शखिसियत ही,
इसकी सोहबत में रहना पसंद करते हैं,
इसकी वजह से ही,
इसपर तोहमत लगाने की कोशिश,
नहीं की जा सकती है।

मीठी ज़ुबान को सम्भालकर रखने की,
कोशिश करनी चाहिए यहां।
हुजूम उमड़ पड़ता है,
जब इसकी खूबसूरती दिखाई देती है जहां।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]

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