फागुन की मस्ती
होली के त्यौहार पर, सब को देना प्यार,
ऐसे रंग दो सभी को, हो फागुन गुलजार।
यारों हंगामा करो , करो खूब हुड़दंग,
रंगों की बौछार से, करना मिल के जंग ।
पेड़ा , गुझिया, अनरसा, लड्डू की भरमार,
इससे करना सभी का, होली में सत्कार।
नकली रंग गुलाल से, बच होली में यार,
खेलो होली फूल की, गाओ फाग फुहार।
सतरंगों से सज रहा, होली का त्यौहार
प्रीत रंग से खेलना, होली फिर इस बार।
— महेंद्र कुमार वर्मा