हरि अनंत हरि कथा अनंता
जीवन जग में हरि रूप अनंतर
सजा-समाया सदैव मन भीतर
रहे बाट जोहे जीवन भर
आज हुआ संपूर्ण अति सुंदर
राम मेरे अति प्रिय अगोचर
आए अयोध्या अब कालांतर
नेह रामनामी अति हितकर
मोह प्रभुसम लहै मोहे रुचिकर
देव करें वर्षा पुष्पित-कर
और तेजमय मृगांक-प्रभाकर
रहें विराजे सतत तदंतर
रामराज सुधि लेही निरंतर
जय जय श्री राम 🙏
— प्रियंका अग्निहोत्री “गीत”