साली
साली
“राशि, वैसे तो तुम्हारी दीदी मेरी लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत कर ही रही है, क्यों नहीं तुम भी कर लेती, क्योंकि साली भी आधी घरवाली होती है ?” रमेश ने फिरकी लेते हुए कहा।
“हाँ हाँ क्यों नहीं जीजाजी। वैसे साली आधी बहन भी होती है और आपकी तो कोई बहन हैं नहीं, तो क्यों नहीं मैं भाई दूज का व्रत भी कर लूँ।” राशि ने कहा।
“वाह ! क्या खूब कहा है तुमने राशि। हम एक काम करते हैं, तुम ना, मेरी बहन ही बन जाओ। करवा चौथ नहीं, भाई दूज ही ठीक है तुम्हारे लिए। और हाँ, अब से तुम्हें मुझे हर साल राखी भी बाँधनी पड़ेगी।” रमेश ने राशि के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा।
डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़