कविता

होली का पावन रंग

मौसम ने ली अंगड़ाई।
बसन्त पर छाई तरुणाई।
टेसू के फूल हो गए लाल।
गुलमोहर भी दिखते कमाल।
सजी है बहारों की डोली।
चंदा संग चांदनी खेले आँख मिचौली।
है चहुँ ओर मस्ती का आलम।
छेड़े सजनी को सखि बालम।
उड़े रंग गुलाल गली -गली।
भौरा चूमे हर कली-कली।
आया रंगों से भरा त्योहार होली।
झूमें नाचे गाये सब हमजोली।
आओ होली के रंग में रंग ले जीवन।
जीवन को बना लें रंगों सा पावन।

— डॉ. शैल चन्द्रा

*डॉ. शैल चन्द्रा

सम्प्रति प्राचार्य, शासकीय उच्च माध्यमिक शाला, टांगापानी, तहसील-नगरी, छत्तीसगढ़ रावण भाठा, नगरी जिला- धमतरी छत्तीसगढ़ मो नम्बर-9977834645 email- shall.chandra17@gmail.com