पुत्र अक्सर देखता कि पिता एक ही कमीज को धो-धोकर पहन रहे हैं। कमीज काफी पुरानी हो गई है। पिता उसी कमीज को पहनकर काम पर जाते हैं। पुत्र हर महीने अपनी पगार से पिता के लिए कमीज लेने की सोचता पर घर के सौ खर्चे में ले नहीं पाता। कभी […]
Author: डॉ. शैल चन्द्रा
लघुकथा – फटा ब्लाउज
“बहू,सुई में धागा डाल दोगी क्या?” सत्तर बरस की बूढ़ी सास ने बहू से कहा। “ओह!अभी आपको इस उम्र में क्या सिलना है? रूही से कहो डाल देगी।मैं अभी बिजी हूँ।” बहू ने उपेक्षा से कहा। बूढ़ी सास अब खुद ही सुई में धागा डालने की कोशिश करने लगी पर आंखों में तो मोतियाबिंद उतर […]
लघुकथा – दीपावली
मुन्नू उदास निगाहों से पटाखें चलाते हुए बच्चों को देख रहा था।आज दीपावली का दिन था। सब बच्चे नये-नये कपड़ों में सजे-धजे बहुत खुश नजर आ रहे थे। छह वर्षीय मुन्नू को बस इतना पता था कि पन्द्रह दिन पहले उसकी दादी का देहांत हो गया था इसलिए इस बार दीपावली में शोक मनाया जाएगा। […]
कहानी – प्री वेडिंग
नीता और शेखर का रिश्ता पक्का हो गया था।रिश्ता पक्का होने से दोनों परिवार बहुत प्रसन्न थे।सगाई और शादी की तिथि तय की जा रही थी। नीता अपने भावी जीवन को लेकर बहुत उत्साहित थी।वो अपने भविष्य के सुखद सपने संजो रही थी। शेखर के आकर्षक व्यक्तित्व ने उसे बहुत आकर्षित […]
कहानी – मां से मायका
पूरे दो वर्ष बीत गए हैं, विभा अपने मायके नहीं गई है। आज भतीजे के मुंडन का आमंत्रण मिला है।इस बीच कई बार भैय्या- भाभी ने उसे मायका बुलाया पर वह नहीं गई। जब से मां यह संसार छोड़ कर गई है तब से उसे मायके जाने का मन ही नहीं हुआ। पिता की मौत […]
लघुकथा – अनोखा उपहार
विवाह में मिले हुए उपहार को प्रभा के ससुराल वाले बड़ी उत्सुकता पूर्वक देख रहे थे। गिफ्ट में सोने -चांदी के जेवर,बर्तन, कलात्मक वस्तुएं तथा सजावटी सामान थे। तभी एक बड़े वजनदार गिफ्ट पर सभी की नजर पड़ी। प्रभा की ननद उसे जल्दी -जल्दी खोलने लगी। गिफ्ट पैक […]
लघुकथा – साथी की तलाश
फेसबुक पर फेसबुक फ्रेंड रोहित जी से मिसेज सुषमा चैटिंग कर रहीं थीं। उन्होंने पूछा,”रोहित जी, आप तो मेरे बेटे के उम्र के हैं फिर आपने मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट क्यों भेजा?” रोहित जी ने कहा,-” नहीं जी मैं युवा नहीं हूं।मेरी उम्र सत्तर साल […]
कहानी – नन्ही परिचारिका
रानू का रिपोर्ट पॉजिटिव था।दो दिनों से उसे सर्दी -खांसी थी। ऑफिस में उसकी सहकर्मी को बुखार था। उसी के सम्पर्क में आने से वह कोरोना पॉजिटिव हो गई थी। उसने अपने को क्वारनटाइन कर लिया था। उसकी बारह बरस की बेटी निगेटिव थी। यह जानकर उसने राहत की सांस ली […]
कहानी – नई चेतना
उसका जन्म हुआ होगा तो शायद उसके घर वाले जरुर मातम मनाये होंगे। ईश्वर ने उसे जरूर इस धरती पर भेजा पर एक अभिशाप के रूप में। जैसे उसके पूर्व जन्मों के पापों के परिणाम स्वरूप।वह जब भी अपने बारे में सोचता सारे नकारात्मक विचार आते। उसने जब से होश सम्भाला है,तब से समाज का तिरस्कार, […]
लघुकथा – बरगद का वह पेड़
बहुत अर्से के बाद मैं अपने शहर आई हुई थी। बचपन की यादों के फ्रेम में जो तस्वीर शहर की जकड़ी हुई थी वह तो पूर्णतः बदल चुकी थी। मैं सदर बाज़ार में खड़ी हुई हैरत से बड़ी -बड़ी शानदार इमारतों को देख रही थी। जहाँ विशालकाय वट वृक्ष था […]