पिता की यादें
पिता की यादें जो हर वक्त दिल में बसी हैं,
उनकी सख्ती में भी ममता का एहसास था,
उनकी बातें,उनकी हंसी,वो हर बात मुझे याद है,
जिन्होंने जीवन में सच्चाई का रास्ता दिखाया था।
पिता की यादें, दिल में सजी हैं जैसे चाँद,
जैसे तारों में रोशनी झिलमिलाता हुई चमकी है,
उनके हर शब्द जैसे आज भी कानों में गूँजती हैं,
उनकी दूरदर्शिता हर पल दिल को रोशन करता था।
उनकी आँखों में छुपे थे कई अनकही सपने,
जो हमारे लिए हर रोज़ सच होने को तड़पते है,
जब भी हम गिरे थे दुखद क्षण में, वे सहारा बने,
उनके बिना तो हमारा जीवन अधूरा सा लगने लगा।
उनकी टेढ़ी मुस्कान में भी छिपी थी दुआ,
पिता उनकी चुप्पी में भी था एक अनमोल संदेश,
पिता, जो भी थे मेरे जीवन की ताकत,आधार,बल,
पापा आपकी यादें हमेशा रहेंगी, मेरे साथ हर कदम।
आपकी आशीर्वाद मुझे हमेशा सहारा देती हैं,
आज भी जब किसी मुश्किल का सामना होता है,
पापा,आप जहाँ भी हो,आपकी दुआ हमारे साथ है,
आपसे मिली हुई हर सीख, मेरी जिंदगी का हिस्सा है।
आपका जो मुझ पर निस्वार्थ, विश्वास था,
कभी सख्त, कभी नरम थे वे मेरे प्यारे पापा,
लेकिन हर रूप में पिता का प्यार छलकता था,
वो आज भी मन में गूंजता, आत्मविश्वास लाता है।
रात की अंधेरों में आपका हाथ थामना,
सपनों में भी उनका निश्छल आशीर्वाद पाना,
जब दुनिया ने किया था हमको नजरअंदाज तब,
आप ही ने पापा हमेशा दिया था अपनापन, विश्वास।
हर मुश्किल में आपका चेहरा याद आता है,
आपकी ग़ज़ब की ताकत का अहसास होता था,
पापा आप भले इस नश्वर संसार मे नही हो फिर भी,
आपकी यादें हमेशा हमारे साथ है, हर एक पल,हर रोज़।
— रूपेश कुमार