गीत/नवगीत

वीर शिवाजी

जिन्होंने, मुगलों को
याद , दिला दी , उनकी नानी
ऐसी है , छत्रपति श्री
वीर शिवाजी, की कहानी ।।

डरना तो, उनके, शब्दकोश
में ही, नही था
अतुलित बल, और पराक्रम
नस- नस में , भरा पड़ा था।

मिलकर सब, बोलते हमेशा
जय शिवाजी, जय भवानी
ऐसी है, छत्रपति श्री
वीर शिवाजी, की कहानी।।

सभी धर्मों, का समान
आदर वह, किया करते थे
मराठा समाज, के ध्वजवाहक
संस्कारों में, वह पले, बढ़े थे

महिलाओं के, स्त्रीत्व की, रक्षा
को समर्पित, वह अमर बलिदानी
‌ ऐसी है , छत्रपति श्री
वीर शिवाजी, की कहानी।।

मुगलों के, बढ़ते दमन, का
खूब डटकर, किया मुकाबला
अद्वितीय थी, सांगठनिक क्षमता
मुगल ,साम्राज्य , तक हिला डाला

केवल, जोश से ही, भरे नही वह
बुद्धि व चातुर्य, की थे, वे निशानी
ऐसी है, छत्रपति श्री
वीर शिवाजी, की कहानी।।

भारत में, छापामार, युद्ध का
जनक उन्हें, माना, जाता है
संसाधनों का कैसे, करें, इस्तेमाल
उनसे बेहतर,और कौन,जानता है

शस्त्र व शास्त्र, दोनों में निपुण वह
है शौर्य से, भरी उनकी, जिंदगानी
ऐसी है, छत्रपति श्री
वीर शिवाजी , की कहानी ।।

दुश्मन को, धूल चटाना
भली भांति, वह जानते थे
सैन्य बल में, कम होकर भी
हार कभी न, वह मानते थे

तमाम, यातनाएं, सहकर , के भी
रहे, जीवन भर, वह स्वाभिमानी
ऐसी है, छत्रपति श्री
वीर शिवाजी, की कहानी।।

तमाम, यातनाएं, सहकर, के भी
रहे,जीवन भर, वह स्वाभिमानी
ऐसी है, छत्रपति श्री
वीर शिवाजी, की कहानी।।

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई

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