कविता
माँगना मरना है लेकिन
फिर भी हिम्मत के बिना.माँगा नहीं जाता किसी से
जागना मुश्किल है लेकिन
फिर भी चिन्ता के बिना जागा नहीं जाता किसी से
सोना भी मुश्किल है लेकिन
फिर भी बिन प्रसन्ता के सोया नहीं जाता किसी से
जीना तो है सब को लेकिन
फिर भी आत्मोपलब्धि के जिया नहीं जाता किसी से
मौत तो आती है लेकिन
फिर भी हो प्रसन्न चित्त तो मरा नहीं जाता किसी से
— डा. केवल कृष्ण पाठक