किरदार
किरदार निभा रही है,
हमेशा कोशिश करते हुए यहां।
ज्ञात हो जाती है कि,
मौसम है कैसी यहां।
इसकी वजह से ही हिम्मत जुटाई जाती है,
किरदार में दाग नहीं लगे,
यही कोशिश की जाती है।
तमाशे में बदलाव लाने की कोशिश ठीक नहीं है,
यह तो जिंदगी बदल कर ही मानती है।
समन्दर पार करने वाले लोगों को,
इसकी अहमियत को नजरंदाज नहीं की जा सकती है।
उसूलों से समझौता नहीं करना ही,
अक्सर तकलीफें देती है।
अगर ऐसा हुआ है तो,
समझ लेना चाहिए कि,
किसी ने उस दस्तूर को तोड़ी है।
ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव ही देती है,
मंजिल पर पहुंचने में,
बाधाएं झेलते हुए आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश करती है।
इसकी वजह से रूबरू होना चाहिए यहां,
उम्मीद बनाएं रखने में,
परहेज़ करना चाहिए यहां।
हालातों पर जज्बात नहीं दिखता है,
यही रस्म है जिसके कारण ही,
समझदारी से काम करने की हिम्मत जुटाते हुए,
हम आगे बढ़ते हुए क़दम बढाते हैं।
नज़रों से देखा जाए तो,
सही हकीकत को जानते हुए,
कुछ हमदर्दी जताते हुए,
लोगों की तकलीफें खत्म हो,
इसके लिए कुछ करना चाहते हैं।
— डॉ. अशोक, पटना