पावन पर्व रंगोत्सव
पावन पर्व रंगोत्सव, आयी, होली आयी,
आनंद, उल्लास, हुड़दंग, चहुँ ओर खुशियां छायी।।
रंग बिरंगे फूलों की सजी सुंदर क्यारियां,
प्रेम सुरभि लायी, मतवालों की टोलियां।।1।।
भूलो वैर, ईर्ष्या भाव, प्रेम रंग हिय भर दो,
हिल मिल सब खेलो, स्नेह रस धार झरने दो।।2।।
होली में दहन द्वेष, ईर्ष्या, दुर्भावना करेंगे,
रिश्तों में आत्मीयता, आदर, नेह रंग भरेंगे।।4।।
वृक्ष न तोड़ेगे, पेड़-पौधे खूब लगाएंगे,
सर्वोत्तम कृति प्रभु की, माँ का सम्मान करेंगे।।
पर्यावरण-मित्र बने हम, प्रदूषण मुक्त प्रकृति,
सुंदर धरा-गगन, नव रंग हर द्वार सजायेंगे।।6।।
होली उत्सव मिलन का, प्रेम की भाषा बोले,
हर दिल आनंद लहर ले हिलोरे, मनवा मेरा डोले।।7।।
उत्सव पर्व भारतीय संस्कृति, हमारे हैं संस्कार,
मानवता अलंकृत करते पावन सब त्यौहार।।8।।
रंग-उमंग छितराओ अंधियारी गलियों में भी,
रंग बिरंगे ख्वाब सजा दो धुंधली अंखियों में भी।।9।।
रंगारंग शुभकामनाएं, आशीर्वाद, पाये दुआयें,
जतन करें शुचिता, न लांघो, मर्यादा लक्ष्मण रेखायें।।10।।