पर्यावरण

पक्षियों की मधुर आवाज़ें और चहचहाहट हमें प्रकृति के क़रीब ले जाती हैं

हमें पक्षियों की ज़रूरतों का ध्यान रखना चाहिए। वे हमारे पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमारे जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पक्षियों की ज़रूरतों का ध्यान रखने से हम न केवल उनकी मदद कर सकते हैं, बल्कि हम अपने पर्यावरण को भी स्वस्थ और सुंदर बना सकते हैं। हम पक्षियों के लिए पानी के स्रोत बना सकते हैं, उनके लिए भोजन की व्यवस्था कर सकते हैं, और उनके लिए आश्रय बना सकते हैं। इन छोटे-छोटे कदमों से हम पक्षियों की मदद कर सकते हैं और हमारे पर्यावरण को भी स्वस्थ बना सकते हैं।
गर्मियों की आहट शुरू हो गई है। हमें अपने आसपास के पक्षियों की जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए। ये बड़े मासूम होते हैं।गर्मियों में पक्षियों को पानी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। हम अपने घरों के बाहर पानी के बर्तन रख सकते हैं जिसमें पक्षी पानी पी सकें। पक्षियों को दाना डाल देना भी एक अच्छा विचार है। हम अपने घरों के बाहर दाना डालने के लिए एक जगह बना सकते हैं जहां पक्षी आकर दाना खा सकें।
गर्मियों में पक्षियों को छांव की भी ज़रूरत होती है। हम अपने घरों के बाहर लगे पेड़ों पर व्यवस्थाएं बना सकते हैं,या छांव के लिए एक छतरी बना सकते हैं जहां पक्षी आकर आराम कर सकें।
इन सुझावों को अपनाकर, हम पक्षियों की मदद कर सकते हैं और उनकी ज़रूरतों का ध्यान रख सकते हैं।बिल्कुल! पक्षियों का कलरव वास्तव में मनमोहक होता है। उनकी मधुर आवाज़ें और चहचहाहट हमें प्रकृति के क़रीब ले जाती हैं और हमारे मन को शांति और सुकून से भर देती हैं। पक्षियों की आवाज़ें न केवल हमें आनंद देती हैं, बल्कि वे हमें प्रकृति की सुंदरता और विविधता का भी अनुभव कराती हैं। जब हम पक्षियों की आवाज़ें सुनते हैं, तो हमें लगता है कि हम प्रकृति के बीच में हैं, और यह अनुभव हमें बहुत आनंद और शांति देता है।

— डॉ. मुश्ताक अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,

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