कविता

विद्यालय स्मृति

आओ कभी फिर विद्यालय की
दहलीज पर दोबारा
तुम्हें वह सब नये -पुराने
ख्वाब मिलेंगे।

आओ कभी फिर शिक्षालय की
देहली पर दोबारा
तुम्हें शिक्षक की डांटा के बाद
प्यार की परछाई नज़र आएगी।

आओ कभी फिर ज्ञानमंदिर की
डेहरी पर दोबारा
तुम्हें जीवन को राह दिखाती
शिक्षक की आवाज आएगी।

आओ कभी फिर विद्या मंदिर की
चौखट पर दोबारा
तुम्हें ज्ञान का दीप जलाते हुआ
शिक्षक की कर्मठता नज़र आएगी।

— डॉ. राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- [email protected] M- 9876777233

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