भाषा-साहित्य

कविता एक साहित्यिक विधा है।

कविता एक साहित्यिक विधा है, जिसमें भावनाओं, विचारों और अनुभवों को शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया जाता है। कविता में शब्दों का चयन, लय, ताल और अर्थ का महत्वपूर्ण भूमिका होता है। कविता को आकार देने के लिए, कविता का विषय चुनना।कविता की भाषा का चयन करना।कविता की शैली का चयन करना।कविता की लय और ताल का ध्यान रखना। कविता में शब्दों का चयन,सावधानी और सतर्कता से करना। कविता का अर्थ और और उसमे निहित भावना को व्यक्त करना। कविता की संरचना और उसके बदलते स्वरूप की बारीकियों को समझकर आगे बढ़ना।
जनमानस की रुचि आजकल सामाजिक मुद्दों पर कविताएं पढ़ना और लिखना,व्यक्तिगत अनुभवों पर कविताएं लिखना पढ़ना।प्रेम और रोमांस पर कविताएं लिखना पढ़ना।संस्कृति और परंपरा पर कविताएं लिखना पढ़ना।हास्य और व्यंग्य पर कविताएं लिखना पढ़ना। कविता की परिभाषा और स्वरूप समय के साथ बदलते रहते हैं, लेकिन कविता का मूल उद्देश्य हमेशा भावनाओं और विचारों को व्यक्त करना रहता है।
कविताएं मानव मनोस्थिति पर प्रभाव डालकर समाज में सुधार कर सकती हैं। कविता की शक्ति न केवल मनोरंजन तक सीमित है, बल्कि यह समाज में परिवर्तन लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
कविता के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया जा सकता है।लोगों को जागरूक किया जा सकता है।समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।मानवीय मूल्यों को बढ़ावा दिया जा सकता है।लोगों के दिलों में कविता के माध्यम से संवेदनशीलता और सहानुभूति पैदा की जा सकती है। कविताएं
विचारों को बदलने में मदद करती है।सामाजिक बदलाव की दिशा में योगदान करती है।मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देती है।लोगों को एकजुट करती है। समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाती है। तुलसीदास की रामचरितमानस ने भक्ति आंदोलन को बढ़ावा दिया। कबीर की कविताओं ने सामाजिक असमानता के खिलाफ आवाज उठाई। प्रेमचंद की कहानियों ने भी सामाजिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया। फैज़ अहमद फैज़ की कविताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया।

कविता के माध्यम से समाज में सुधार लाने के और भी कई उदाहरण हैं,महात्मा गांधी के विचारों ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। रवींद्रनाथ टैगोर की कविताओं ने भारतीय संस्कृति और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा दिया।सूरदास की कविताओं ने भक्ति आंदोलन को बढ़ावा दिया।मीराबाई की कविताओं ने स्त्री सशक्तिकरण और भक्ति को बढ़ावा दिया। कैफ़ी आज़मी की कविताओं ने सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाई।

कविता के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना।लोगों को जागरूक करना मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना।सामाजिक बदलाव की दिशा में योगदान करना। लोगों के दिलों में संवेदनशीलता और सहानुभूति पैदा करना। कविता की शक्ति को नकारा नहीं जा सकता। यह न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि समाज में सुधार और परिवर्तन लाने का एक शक्तिशाली माध्यम भी है।

— डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज़

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

पिता का नाम: अशफ़ाक़ अहमद शाह जन्मतिथि: 24 जून जन्मस्थान: ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा, मध्य प्रदेश कर्मभूमि: हरदा, मध्य प्रदेश स्थायी पता: मगरधा, जिला हरदा, पिन 461335 संपर्क: मोबाइल: 9993901625 ईमेल: dr.m.a.shaholo2@gmail.com शैक्षिक योग्यता एवं व्यवसाय शिक्षा,B.N.Y.S.बैचलर ऑफ़ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस. बी.कॉम, एम.कॉम बी.एड. फार्मासिस्ट आयुर्वेद रत्न, सी.सी.एच. व्यवसाय: फार्मासिस्ट, भाषाई दक्षता एवं रुचियाँ भाषाएँ, हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी रुचियाँ, गीत, ग़ज़ल एवं सामयिक लेखन अध्ययन एवं ज्ञानार्जन साहित्यिक परिवेश में रहना वालिद (पिता) से प्रेरित होकर ग़ज़ल लेखन पूर्व पद एवं सामाजिक योगदान, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल, मगरधा पूर्व प्रधान पाठक, उर्दू माध्यमिक शाला, बलड़ी ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी कम्युनिटी हेल्थ वर्कर, मगरधा साहित्यिक यात्रा लेखन का अनुभव: 30 वर्षों से निरंतर लेखन प्रकाशित रचनाएँ: 2000+ कविताएँ, ग़ज़लें, सामयिक लेख प्रकाशन, निरन्तर, द ग्राम टू डे, दी वूमंस एक्सप्रेस, एजुकेशनल समाचार पत्र (पटना), संस्कार धनी (जबलपुर),जबलपुर दर्पण, सुबह प्रकाश , दैनिक दोपहर,संस्कार न्यूज,नई रोशनी समाचार पत्र,परिवहन विशेष,समाचार पत्र, घटती घटना समाचार पत्र,कोल फील्ड मिरर (पश्चिम बंगाल), अनोख तीर (हरदा), दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद, नगर कथा साप्ताहिक (इटारसी) दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार, दैनिक जागरण, मंथन (बुरहानपुर), कोरकू देशम (टिमरनी) में स्थायी कॉलम अन्य कई पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाएँ प्रकाशित प्रकाशित पुस्तकें एवं साझा संग्रह साझा संग्रह (प्रमुख), मधुमालती, कोविड, काव्य ज्योति, जहाँ न पहुँचे रवि, दोहा ज्योति, गुलसितां, 21वीं सदी के 11 कवि, काव्य दर्पण, जहाँ न पहुँचे कवि (रवीना प्रकाशन) उर्विल, स्वर्णाभ, अमल तास, गुलमोहर, मेरी क़लम से, मेरी अनुभूति, मेरी अभिव्यक्ति, बेटियां, कोहिनूर, कविता बोलती है, हिंदी हैं हम, क़लम का कमाल, शब्द मेरे, तिरंगा ऊंचा रहे हमारा (मधुशाला प्रकाशन) अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा, तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी (जील इन फिक्स पब्लिकेशन) व्यक्तिगत ग़ज़ल संग्रह: तुम भुलाये क्यों नहीं जाते तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें तेरा इंतज़ार आज भी है (नवीनतम) पाँच नए ग़ज़ल संग्रह प्रकाशनाधीन सम्मान एवं पुरस्कार साहित्यिक योगदान के लिए अनेक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त पाठकों का स्नेह, साहित्यिक मंचों से मान्यता मुश्ताक़ अहमद शाह जी का साहित्यिक और सामाजिक योगदान न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे हिंदी-उर्दू साहित्य जगत के लिए गर्व का विषय है। आपकी लेखनी ने समाज को संवेदनशीलता, प्रेम और मानवीय मूल्यों से जोड़ा है। आपके द्वारा रचित ग़ज़लें और कविताएँ आज भी पाठकों के मन को छूती हैं और साहित्य को नई दिशा देती हैं।