कुण्डली
छूना, नाड़ा तोड़ना, इसे न कहिए रेप
योर ऑनर कहते हुए, तुम्हें न आई झेंप ?
तुम्हें न आई झेंप, दे रहे आप बढ़ावा
कसम तुम्हें बतलाओ, कितना चढ़ा चढ़ावा ?
कह सुरेश लगता है माल मिला है दूना
तुमने फ्री कर दिया कलमुंहे अब तो छूना
— सुरेश मिश्र
छूना, नाड़ा तोड़ना, इसे न कहिए रेप
योर ऑनर कहते हुए, तुम्हें न आई झेंप ?
तुम्हें न आई झेंप, दे रहे आप बढ़ावा
कसम तुम्हें बतलाओ, कितना चढ़ा चढ़ावा ?
कह सुरेश लगता है माल मिला है दूना
तुमने फ्री कर दिया कलमुंहे अब तो छूना
— सुरेश मिश्र