वक़्त
वक़्त के सुनहरे झांसे में न आ
बेवफ़ा है यह बड़ा
आज तुझसे कह रहा तेरा हूं मैं
कल इसने मुझसे भी यही कहा था
तेरा हूं मैं
न ये तेरा है
न ही ये मेरा है
इसके सहारे लोगों को
आकाश की बुलंदियों को छूते देखा
तो अर्श से फर्श पर आते भी देखा
यह किसी का न हुआ आज तलक
यह तो बस एक छलावा है
जो रहता नहीं है बंध कर
किसी एक के साथ
वक़्त जो मिला है
रंग लें खुद को उसमें
कल आए कि न आए
आज में रंग ले अपने आप को
वक़्त सिर्फ एक धोखा है
वक़्त सिर्फ एक धोखा हैं