कविता

विचार

प्रकृति हमें जीवन सौंपता है
मगर जीने की कला देता है विचार,
जो दिखने लगता है जब हम
अपनाते हैं कोई आचार व्यवहार,
दुनिया में अनेकों विचार प्रचलित है,
कुछ इंसानियत पर आधारित तो
कुछ मानवता से विचलित है,
दया,करुणा,नैतिकता,मानवता रूपी
हर इंसान में मानवीय गुण है,
तो कुछ में क्रूरता के साथ
झूठ,पाखंड व अनैतिकता जैसे अवगुण है,
विचार मानवीय क्रियाकलापों को आधार देता है,
मानव उसी अनुरूप व्यवहार देता है,
जातिय दंभ,धर्म,ऊंचनीच की भावना और
अस्पृश्यता भी किसी विचार से चलित है,
जिससे समानता,बंधुता,भाईचारा,
एवं सहयोग की भावना
नहीं हो पाता कभी विचलित है,
स्वार्थी लोग बुराई से ग्रस्त परंपरा
हमेशा आगे बढ़ाना चाहते हैं,
जबकि सद विचार हमेशा
संवैधानिक हक़ अधिकार लाना चाहते हैं,
अब ये मनुष्यों को प्राप्त संस्कार
तय करता है किस ओर जाना है,
प्रेमपूर्वक रहना है या
घृणित अंधकार लाना है।

— राजेन्द्र लाहिरी

राजेन्द्र लाहिरी

पामगढ़, जिला जांजगीर चाम्पा, छ. ग.495554

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