शीतला अष्टमी
चैत्र कृष्ण सप्तमी तिथि विविध पकवान बनाएं,
मां शीतला को अष्टमी को फिर बासी भोग धराएं,
ठंडा भोजन अमृत प्रसाद रूप में प्राप्त कर खाएं,
समस्त दुःखों, रोगों व आपदाओं से सुरक्षा पाएं ।
राब, दहीं, सिरा, पूड़ी, बाजरी आदि का भोग धरें,
क्षमा प्रार्थना कर मां का भक्ति पूर्वक गुणगान करें,
मां अपने भक्तों के सदा ही खुशियों से भंडार भरें,
जो श्रद्धा भक्तिभाव से मां शीतला का पूजन करें ।
बीमारियों से हमारे परिवार को हे मां ! दूर रखना,
सुख-संपत्ति “आनंद” स्नेह सब में भरपूर रखना,
ठंडी-ठंडी सदा रहना, बच्चों पर मां मेहर करना,
अज्ञानी बालक है हम मां अर्जी स्वीकार करना ।
जो जन पूर्ण शरणागत हो जाता मां के चरणों में,
झाड़ देती उसके दुर्गुण, दुःख, संताप मां पल में,
दयामयी सुखकारी शक्ति पूजी जाती घर-घर में,
भर देती खुशियों से जीवन माता एक ही क्षण में ।
— मोनिका डागा “आनंद”