प्यार की गहराई
उम्र गुज़री है जिसकी सरमाई में
मौत भी आए उसके परछाई में !
अक्सर हम सोचते हैं तन्हाई में
तुम बस गए हो मेरी दिल की गहराई में !
तुम से जुदा वजूद नहीं है मेरा
तुम तो शामिल हो मेरी खुदाई में !
जिंदगी छोटी हो या लम्बी
वो गुजरे तेरे प्यार की गहराई में !
कभी न रूठना मेरी जान
जान निकल जाएगी , तेरी बेवफाई में !
— विभा कुमारी “नीरजा”