गीत/नवगीत

स्वारथ के हैं संगी-साथी

स्वारथ हित है मुन्ना पाला, स्वारथ की ही मुनिया है।
स्वारथ के हैं संगी-साथी, स्वारथ की ही दुनिया है।।
स्वारथ ही है मूल जगत का।
स्वारथ ही है पूल जगत का।
स्वारथ हित संबन्ध हैं बनते,
स्वारथ ही है भजन भगत का।
स्वारथ हित ही विद्वान यहाँ, स्वारथ हित ही गुनिया है।
स्वारथ के हैं संगी-साथी, स्वारथ की ही दुनिया है।।
स्वारथ हित संबन्ध की चाहत।
स्वारथ हित ही पद की चाहत।
स्वारथ हित ही मर-मिटे धन पर,
स्वारथ ही है यश की चाहत।
स्वारथ का ही नाम परमारथ, स्वारथ की ही धुनिया है।
स्वारथ के हैं संगी-साथी, स्वारथ की ही दुनिया है।।
स्वारथ से ही स्वारथ तुमको।
स्वारथ हित भाया ना हमको।
स्वारथ हित संबन्ध था जोड़ा,
स्वारथ हित फोड़ा है बम को।
स्वारथ का सम्मान यहाँ पर, स्वारथ हित ही चुनिया है।
स्वारथ के हैं संगी-साथी, स्वारथ की ही दुनिया है।।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)

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