गीत/नवगीत

मैं हिन्दू हूं

हां मैं हिन्दू हूं
अध्यात्म का केन्द्र बिन्दु हूं

सह-अस्तित्व में विश्वास रखता हूं
ज्ञान, विज्ञान का अपार सिन्धु हूं
हां मैं हिन्दू हूं ।।

विश्व कल्याण की भावना से
हमारे हर निर्णय प्रेरित होते हैं
संस्कारों के बीजारोपण से
नवपुष्प पल्लवित होते हैं ।

सबको साथ लेकर चलने में
है अडिग विश्वास हमारा
विश्व को हमने ही दिया
वसुधैव कुटुम्बकम का नारा।

है सभी जीवो में, ईश्वर का अंश
ऐसी भावना रखता हूं
अतिथि भूखा न जाने पाए
मन में धारणा धरता हूं।

प्रगति के साथ विश्व शान्ति
के हिमायती हैं हम
मानवीय मूल्यों की कद्र करते
एक विश्वसनीय साथी हैं हम

अपनी संस्कृति और सभ्यता की
रक्षा करना हमें आता है
सहिष्णुता को कमजोरी समझना
मुझे अब तनिक न सुहाता है

कई बार धोखा खा चुका हूं

अब सतर्क हूं और चौकन्ना हूं
अपनों से अब और न छला जाऊं
बस इतनी भर रखता तमन्ना हूं

सब कुछ भूलकर फिर से हम
आगे बढ़ने को तैयार हैं
लेकिन फिर कोई दगा दे हमको
यह कदापि नही स्वीकार है।

है सत्य सनातन धर्म हमारा

विश्व भर में अलग पहचान है
अनेकता में एकता के दर्शन यहां
विश्व बंधुत्व से ही जन कल्याण है

‌ हां मैं हिन्दू हूं
हिन्दुत्व हमारी पहचान है
हूं श्री राम कृष्ण का वंशज
सुदूर तक फैली हमारी शान है

हां मैं हिन्दू हूं

अध्यात्म का केन्द्र बिन्दु हूं
सह-अस्तित्व में विश्वास रखता हूं
ज्ञान, विज्ञान का अपार सिन्धु हूं
हां मैं हिन्दू हूं ।।

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई

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