कविता

हे मातेश्वरी !

हे मातेश्वरी ! आपने सजाई मेरी,
इतनी सुंदर सी आंगनबाड़ी,
मातारानी आपकी कृपा से,
चलती है मेरी जीवन गाडी़ ।

हे विन्ध्येश्वरी ! करती हूं मै,
पावन चरणों में नमन,
“आनंद” सुख समृद्धि से,
जगमग रहे मेरा प्यारा सदन ।

हे परमेश्वरी ! अपने बच्चों पर,
रखना सदा दया, करूणा,
करते जगजननी विनती आपसे,
आप शिवप्रिया हो मात अन्नपूर्णा ।

हे राजराजेश्वरी ! भक्तों पर आप,
लुटाती हो खुशियां अपार,
आपको पूजता बहुविधि ये,
सारा संसार भरो सबका भंडार ।

हे परमेश्वरी ! क्षमा करना मेरे,
दैहिक दैविक भौतिक दोष,
विनती करते आपसे मैया,
भरपूर हो जीवन आनंद कोष ।

हे जगदीश्वर ! आप सदा ही,
शरणागत की रक्षा करती,
सच्चे भक्तों की प्रार्थनाएं,
कर स्वीकार अनंत सुख भरती ।

— मोनिका डागा “आनंद”,

मोनिका डागा 'आनंद'

चेन्नई, तमिलनाडु

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