मां जगदंबे, करूँ वंदना!
जगततारिणी माँ, जगदंबे माँ,
रिद्धि, सिद्धि दात्री सुहासिनी मां,
भक्ति दो, शक्ति दो, हमें साहस दो,,
ज्ञान गागर माणिक मोती भर दो,
स्वर दो, सुर दो, मीठी मधुर वाणी दो,
जीवन संगीत साज, सुरीली सरगम दो,,
प्रेमरंग रंग दूं जीवन सुंदर अपना,
सच हो जाये, सपने सारे, मां, वर दो।।
दुर्जनों का नाश कर दो मां,
सत्धर्म ध्वज फहरे, महके समां,
संस्कार सजा जीवन पथ आलोकित हो,
मंगला, कल्याणी सोच, सद्भावना हो,
मां, बल दो, सद्बुद्धि दो बनूँ सदाचारी,
चैतन्य, उमंग, तरंग आह्लादित फुलवारी,
प्रकृति-सा परोपकारी उदात्त भाव दो,
धरा-सा धैर्य, जलधार-सा औदार्य दो।।
टिमटिम दीप बनूँ, हर लूं अंधियारा,
सूरज, चंदा, तारों-सा तेजोमय उजियारा,
मां, नव दुर्गा रूप, अहा अति सुंदर,
दया, क्षमा, करुणा, प्रेम रूप मनोहर,
शक्ति संचार, चैतन्य भंडार हॄदय भर दो,
यश, सम्मान, कीर्ति, प्रतिष्ठा वरदान दो,
द्वेष, ईर्ष्या, अहंकार से मैं दूर रहूं सदा,
मात-पिता चरणों में, चारो धाम पाऊं सदा।।
नवरात्री उत्सव प्यारा, हो माता का जयकारा,
करूं मनोभावे पूजा, आरती,अर्चना, वंदना,
बाजे घनन घनन घंटा, भक्ति गीत संगीत गूंजा,
रुमक झूमक, छमछम,छम, आयी गणगौर माता,
दया करो, दुखदर्द हरो, कृपा करो माँ कल्याणी,
सकल जन मन सुख, शांति, आनंद भाव अंतस भरो,
भक्तगण रंगे रमे, हो भाव विभोर करे माता दर्शन,
आशीर्वाद से भर झोली, माँ, भव पार लगा दो जीवन।।