रोक रहा जब बढ़ने से
हर उस चीज को लात मार दो
जो रोक रहा तुम्हें आगे बढ़ने से,
पढ़ने से,
झूठ से लड़ने से
ऊंची सोपान चढ़ने से,
क्योंकि आगे बढ़ने का हक़ सबको है,
तालीम पाने का हक़ सबको है,
ऊंचे ओहदे तक जाने का हक़ सबको है,
मिथकों से ये सारा जग भरा है,
ऊंच नीच का सनक भरा है,
जर्रे जर्रे पर कनक पड़ा है,
असमानताओं वाला शिक्षा खड़ा है,
चमत्कारों का गुन सब गाते,
तर्क विज्ञान को धता बताते,
मन से नहीं जाता जाति का मैल,
बने हैं सब कोल्हू का बैल,
चमत्कार विज्ञान का कौन दिखाए,
अंधश्रद्धा,पाखंड कौन मिटाए,
कोई रो रहा अपनी परंपराओं के लिए,
घिसी-पिटी मान्यताओं के लिए,
जकड़े रहना है आदिम युग में,
नाम कैसे आये प्रबुद्ध में,
अपनी दिशा को मोड़ना होगा,
सारी जंजीरें तोड़ना होगा,
वक्त से कदम मिलाना होगा,
सच और विज्ञान को लाना होगा,
बढ़ते पग को रोके कोई
हर उस चीज को लात मार दो,
संभलो-संभालो,देश बचा लो
दुष्टों के मन का फितूर उतार दो।
— राजेन्द्र लाहिरी