हनुमान जयंती
राम राम जपते सदा, नित जो आठो याम ।
कपि वीर बजरंगबली, उनका प्यारा नाम ।। 1 ।
चैत्र पूनम प्रभु प्रगटे, शंकर का अवतार ।
रोग दोष शोक हरते, शक्ति देते अपार ।। 2 ।।
भक्तों की रक्षा करें, महावीर हनुमान ।
जागृत देव कलयुग के, दूर करे अज्ञान ।। 3 ।।
कष्ट काटते भक्त के, करे जो राम जाप ।
संकटमोचन आप हो, हरते सब संताप ।। 4 ।।
बूँदी भक्त भोग धरें, मन से करें गुहार ।
सिंदूर तेल चढ़ाएं, भौम और शनिवार ।। 5 ।।
श्रद्धा व भक्ति भाव से, करते जो अरदास ।
बल बुद्धि विद्या दाता, पूरी करते आस ।। 6 ।।
अंजनीसुत संवारे, सारे बिगडे़ काम ।
राम राम कीर्तन जहॉं, होता सुबह व शाम ।। 7 ।।
बालाजी मैं आपका, करता मन से ध्यान ।
बिगड़ी मेरी बना दो, बहुत हूँ परेशान ।। 8 ।।
करें हाथ जोड़ विनती, सुनिएं आप पुकार ।
सहन अब नहीं हो रही, जीवन घातक मार ।। 9 ।।
केशरीनंदन जागो, बालाजी सरकार ।
“आनंद” सुख अमृत भरो, विनती बारम्बार ।। 10 ।।
अवगुण मेरे सब हरो, भूल भी करो माफ़,
दयामय चंचल मन को, करो एकदम साफ़ ।। 11 ।।
— मोनिका डागा “आनंद”