डिफॉल्ट

और क्या

🌹और क्या 🌹

फूल उल्फत के खिलेंगे और क्या |
मुस्कुरा कर हम जियेंगे और क्या|

हौंसलों से हार जाती मुश्किलें,
दीप बनकर हम जलेंगे और क्या |

पत्थरों का खौफ देना छोड़ दो,
पत्थरों को हम खलेंगे और क्या |

लाख कर लो कोशिशे ज़ुल्मों सितम |
बनके दरिया हम बहेंगे और क्या |

नफरतों की आग जो फैला रहे |
आग में खुद ही जलेंगे और क्या |

है मोहब्बत पाक दरिया नूरे रब,
इश्के दरिया में बहेंगे और क्या

खुशगवारी आरज़ू अरमान सब,
दायरे बढ़ते रहेंगे और क्या |

पंख को परवाज़ मिल जाए मृदुल,
चाँद को हम भी छुएंगे और क्या |
©®मंजूषा श्रीवास्तव “मृदुल”✍🏾

*मंजूषा श्रीवास्तव

शिक्षा : एम. ए (हिन्दी) बी .एड पति : श्री लवलेश कुमार श्रीवास्तव साहित्यिक उपलब्धि : उड़ान (साझा संग्रह), संदल सुगंध (साझा काव्य संग्रह ), गज़ल गंगा (साझा संग्रह ) रेवान्त (त्रैमासिक पत्रिका) नवभारत टाइम्स , स्वतंत्र भारत , नवजीवन इत्यादि समाचार पत्रों में रचनाओं प्रकाशित पता : 12/75 इंदिरा नगर , लखनऊ (यू. पी ) पिन कोड - 226016

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