मुक्तक/दोहा

चलो तो सही दो कदम

चलो तो सही दो कदम, ओ मेरे मन मीत।
बिना कर्म के है नहीं, मिले कभी भी जीत।।

कर्मशील ही साधना, करिये हम निष्काम।
मन चाहा ही फल सदा, देते हैं भगवान।।

चलो तो सही दो कदम, मन में हो विश्वास।
मंजिल कितनी दूर हो, आती है खुद पास।।

सोया चादर तान के, रखे हाथ पर हाथ।
कुदरत भी देती नहीं, उस बंदे का साथ।।

चलो लगन के साथ तुम, धैर्य धरो मनधीर।
गहरा कितना नीर हो, पा लेते हैं तीर।।

आती मुश्किल देख के, मत जाना तूम हार।
हिम्मत से कर सामना, पा लेते हैं पार।।

औरों को भी साथ ले, देख रहे जो राह।
प्रतिभा उन में है छुपी, कुछ करने की चाह।।

चलो तो सही दो कदम, विजय खड़ी उस पार।
स्वागत होगा शान से, डाल गले में हार।।

— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995

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