डिफॉल्ट

शेर और बिल्ली

हर आदमी त्रस्त 

बोलती उसकी बंद है 

आवाज उसकी दबा दी जाती 

खोलता जब भी वह जुबान है 

बाहर भले कहते फिरे 

शेर है दबंग है 

सच तो यह है घर में 

जब भी वह घुसता है

दबे पैर ही घुसता है

औढ़ा होता है जो लाबादा शेर का

घर आते ही पांसा पलट जाता है

घर वाली शेर

और मियाँ भीगी बिल्ली हो जाता है

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020

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