मुक्तक/दोहा

हे ! युगपुरुष तुम्हें नमन्

भीमराव अम्बेडकर,भारत की पहचान।
हमें दे गए दिव्यता,और नया सम्मान।।

सामाजिक असमानता,का करके प्रतिकार।
मानवता को दे गए,एक नया उपहार।।

शिक्षा को गतिमान कर,सौंपे थे अधिकार।
भीमराव जी आपने,फैलाया उजियार।।

जातिवाद की मार से,था आहत इंसान।
कालजयी तुम महापुरुष,तुम तो सूर्य समान।।

संविधान का कर सृजन,किया देश को ख़ास।
विधि के ज्ञाता तुम सदा,हो पीड़ित की आस।।।

वर्णवाद पर वार कर,जगा दिया युग ख़ूब।
उगा गए तुम भीमजी,पूजा वाली दूब‌।

विश्व पटल पर आपका,होता नित यशगान।
भीमराव जी आपकी,प्रतिभा का गुणगान।।

मना रहे हम जन्मदिन,करते हैं जयकार।
मानवता के दूत के,कर्मों से है प्यार।।

भीमराव अंबेडकर,नाम नहीं,अभियान।
जन्म युगों में हो सके,नहीं सहज,आसान।।

खुशियों का आवेग है,जन्मदिवस पर आज।
हर्षित होता ही रहे,अब तो सतत् समाज।।

— प्रो. शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]

Leave a Reply