बाल कविता

बाल कविता – बेटी क्या है

बेटी तू मेरी शान है
तू घर की मान है
मम्मी की तू हिम्मत हो
पापा का सर ताज हो
बेटी तू मेरी शान है
तू घर की रौनक हो
घर आंगन की कलियां हो
फूलों सी मुस्कान हो।
बेटी तू मेरी शान हो
संस्कारों की बीज हो
ऋतुओं में बसंत हो
कौतुक तेरी अनमोल है
बेटी तू मेरी शान हो।
तेरे से ही सृष्टि चलता
तेरे से ये बगिया महकता
तू ही तो मेरी जान है
बेटी तू मेरी शान है।

— विजया लक्ष्मी

*विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।

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