सजाए रखिए मुस्कान
शस्त्र एक ख़तरनाक हथियार है होता,
जिसके प्रहार से चोट का अंदेशा है होता,
लेकिन मुस्कान मधुरिम-मोहक शस्त्र है,
जिसका सार्थक-सकारात्मक असर है होता!
मुस्कान चेहरे की आभा है, चमक है,
मन-मस्तिष्क की शांति, तन की महक है,
चिन्ताओं-परेशानियों को हरने वाली,
तनाव हरने के लिए दीप-स्तंभ की दमक है।
अपनत्व का स्वागत करती है मुस्कान,
अमरत्व की मिठास भर देती है मुस्कान,
सहरा में भी सौम्य सुमन खिला देती है,
अधरों की सौम्य स्मित, दिलों की धड़कन है मुस्कान
सहेली है, पहेली है, जादू है मुस्कान,
कभी सहलाती कभी छलती है मुस्कान,
मुस्कान जीवन की एक अनमोल धरोहर है,
लाखों ग़म हो जीवन में चेहरे पर सजाए रखिए मुस्कान।
— लीला तिवानी