गीत
जीवन बीच पढ़ाई बहुत ज़रूरी है।
चांद बिनाज्यों सारी रात अधूरी है।
हिम्मत मेहनत कर के उन्नति होती है।
खोज का दरिया तर के उन्नति होती है।
सूरज कर के तड़क सवेर सिंदूरी है।
जीवन बीच पढ़ाई बहुत ज़रूरी है।
मंज़िल को गर हंसते-हंसते पाओगे।
मुमकिन है कि चांद के ऊपर जाओगे।
तब ही मन की इच्छा होती पूरी है।
जीवन बीच पढ़ाई बहुत ज़रूरी है।
शक्ति भक्ति का जिस को वरदान मिले।
दुनिया ऊपर उसको ही पहचान मिले।
घी शक्कर गर हो तो बनती चूरी है।
जीवन बीच पढ़ाई बहुत जरूरी है।
तब ही मीठे मेवे मिल कर खाओगे।
सेहत सहूलत पा कर सेहत बनाओगे।
घर के भीतर यद्यपि बेल अंगूरी है।
जीवन बीच पढ़ाई बहुत जरूरी है।
जल्दी-जल्दी चल कर मंजिल आ जाए।
जल्दी ही फिर रात सवेरा पा जाए।
बालम कुछ कदमों की सारी दूरी है।
जीवन बीच पढ़ाई बहुत ज़रूरी है।
— बलविन्दर बालम