कविता

मज़दूर दिवस

भगवान ने तन दिया ,
भगवान ने मन दिया
साथ में दे दिया एक पेट,
पेट देकर किया मज़बूर ,
इंसान बन गया मज़दूर,
जो सचमुच इंसान है,
जिसका आसरा भगवान है,
वह बेचारा,
रोज़ रोज़, दिन रात कड़ी मेहनत करता है,
अपना और अपने परिवार का पेट भरता है,
उठो , देश के मज़दूरों जागो,
तकनीकी युग के साथ चलो,
नई नई तकनीक सीखो,
आपकी ताक़त देश की शक्ति है,
आपकी मेहनत ही–
सच्ची ईश्वर भक्ति है,
उठो ,ईमानदारी से करो अपना कर्म,
परिवार और देश की खातिर —
यही है सच्चा धर्म,
ईमानदारी और मेहनत की रोटी में-
जो स्वाद आएगा–
हराम, की कमाई ,
वाला वह सुख कभी ना पायेगा

— जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845

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