कुण्डली/छंद

ज्ञान खजाना

पुस्तक से हो मैत्री, हैं वह ज्ञान खजाना।

साहित्यिक कृतियों का, अनुपम काव्य तराना।

कला कुशलता पाएं, ज्ञानी शिल्प रचाएं।

पुस्तक साथी प्यारे, हरपल साथ निभाएं।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८

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