कहानी

विह्स्की विला – भाग 1

विह्स्की विला में जाने की हसरत न जाने कब से मेरे दिल में थी पर वहां इस तरह से जाऊँगा ये मेरे दिमाग में बिलकुल भी नहीं था।

खून से लाल हुए सफ़ेद चादर के बेड पर समरीन मैडम का शरीर पड़ा था। वो समरीन मैडम जिनके जिस्म की एक झलक के लिए तमाम शहर बेताब रहता था और वो जिस्म जिससे हमेशा इत्र की महक बरसती थी वो आज अपने ही खूं में सराबोर बिलकुल शांत था।

इसंपेक्टर मेरे चेहरे और शरीर की हालत देखकर ही समझ गया था कि मैं मक़तूला को पहचान गया हूँ।

‘ये मिसेज समरीन हैं न ?’  उसने पूछा तो मैं केवल अपनी गर्दन ही हिला पाया था।

‘बंगले से किस वक़्त निकली थी ?’ उसने तुरंत दूसरा सवाल पूछा था।

‘वही रोज के वक़्त ?’ मेरी आवाज़ लरज़ रही थी।

‘और वो रोज का वक़्त क्या है ?’ उसने मेरे चेहरे का सख्ती से मुआयना करते हुए पूछा। 

‘वही कोई आठ के आस पास।’ मैने अपनी आवाज़ को इस बार सँभालने की कोशिश की थी।

‘आठ से पहले या बाद ?’ वो दूसरा सवाल पूछने के लिए मानो तैयार ही था।

‘आठ से पहले।’

मेरा जवाब सुनके वो अपने मातहत से मुखातिब होते हुए पूछा ‘युसूफ ये मृतका के बंगले से यहाँ इस क्लब की दूरी कितनी होगी ?’

‘सर कार की नार्मल स्पीड से तक़रीबन एक घण्टे।’

‘मतलब मृतका यहाँ इस क्लुब में ९ बजे के आस पास आयी होगी, देखो युसूफ क्लुब के एन्ट्री रजिस्टर में कब की एंट्री है ?’

वो आफिसर अपने मातहत युसूफ के साथ कुछ देर मुआयना करने के बाद मेरे पास आकर बोला ‘तुम काफी दुखी दिख रहे हो ?’

‘किसी की मौत पर खुश होने का रिवाज़ है क्या ?’ मेरे प्रतिउत्तर ने ऐसे माहौल में भी भी इन्स्पेक्टर को थोड़ा सा मुस्कराने की वजह दे दी थी।

वो थोड़ी देर अपने होठों पर हलकी मुस्कान लिए मुझे देखता रहा और फिर बोला ‘मेरे कहने का मतलब है कि मक़तूला से आपका कोई खून या फिर कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं ऐसे में तुम्हारे चेहरे पर ये उदासी का आलम ?’

इंस्पेकटर की बात सुनके मैने कहा ‘सर ये सही है कि समरीन मैडम से मेरा कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं है पर…।’  मैं कहते – कहते रुक गया था मैं जो कहने जा रहा हूँ शायद वो मुझे नहीं कहना चाहिए।

‘पर…। पर क्या मिस्टर गालव ?’ इन्स्पेक्टर मेरी अधूरी छोड़ी गई बात को मुकम्मल जानने की गरज से पुलिसिया लहज़े में बोला।

हालाँकि मैं जब में विह्स्की विला में आया और मैने समरीन मैडम का रक्तरंजित शव देखा तो मेरी आवाज़ लरज़ रही थी पर अब मैं काफी हद तक खुद पर नियंत्रण पा चुका था इसलिए उसके पुलिसिया रौब का ज्यादा असर मुझ पर हुआ नहीं था। लेकिन मैं जानता था जो मैने अपनी अधूरी छोड़ी बात मुकम्मल नहीं की तो उसे पूछने के लिए दस तरह के सवाल करेगा।

‘मेरा समरीन मैडम से जिस्मानी रिश्ता था।’ कहते वक्त मेरी आँखों से आंसू की दो – तीन बुँदे ढलक गई जो इस बात का सबूत थी कि मेरा समरीन मैडम से केवल जिस्मानी ही नहीं बल्कि कुछ न कुछ दिल का भी रिश्ता था।

 इन्स्पेक्टर ने मेरी बात सुनी और उसकी आँखे और होंठ दोनों ही गोल गए। वो मुझ पर कुछ और सवाल दागना चाहता था तभी उसे उसके असिस्टेंट ने बुला लिया और वो उसके जानिब चला गया।  

सुधीर मौर्य

नाम - सुधीर मौर्य जन्म - ०१/११/१९७९, कानपुर माता - श्रीमती शकुंतला मौर्य पिता - स्व. श्री राम सेवक मौर्य पत्नी - श्रीमती शीलू मौर्य शिक्षा ------अभियांत्रिकी में डिप्लोमा, इतिहास और दर्शन में स्नातक, प्रबंधन में पोस्ट डिप्लोमा. सम्प्रति------इंजिनियर, और स्वतंत्र लेखन. कृतियाँ------- 1) एक गली कानपुर की (उपन्यास) 2) अमलतास के फूल (उपन्यास) 3) संकटा प्रसाद के किस्से (व्यंग्य उपन्यास) 4) देवलदेवी (ऐतहासिक उपन्यास) 5) मन्नत का तारा (उपन्यास) 6) माई लास्ट अफ़ेयर (उपन्यास) 7) वर्जित (उपन्यास) 8) अरीबा (उपन्यास) 9) स्वीट सिकस्टीन (उपन्यास) 10) पहला शूद्र (पौराणिक उपन्यास) 11) बलि का राज आये (पौराणिक उपन्यास) 12) रावण वध के बाद (पौराणिक उपन्यास) 13) मणिकपाला महासम्मत (आदिकालीन उपन्यास) 14) हम्मीर हठ (ऐतिहासिक उपन्यास ) 15) अधूरे पंख (कहानी संग्रह) 16) कर्ज और अन्य कहानियां (कहानी संग्रह) 17) ऐंजल जिया (कहानी संग्रह) 18) एक बेबाक लडकी (कहानी संग्रह) 19) हो न हो (काव्य संग्रह) 20) पाकिस्तान ट्रबुल्ड माईनरटीज (लेखिका - वींगस, सम्पादन - सुधीर मौर्य) पत्र-पत्रिकायों में प्रकाशन - खुबसूरत अंदाज़, अभिनव प्रयास, सोच विचार, युग्वंशिका, कादम्बनी, बुद्ध्भूमि, अविराम,लोकसत्य, गांडीव, उत्कर्ष मेल, अविराम, जनहित इंडिया, शिवम्, अखिल विश्व पत्रिका, रुबरु दुनिया, विश्वगाथा, सत्य दर्शन, डिफेंडर, झेलम एक्सप्रेस, जय विजय, परिंदे, मृग मरीचिका, प्राची, मुक्ता, शोध दिशा, गृहशोभा आदि में. पुरस्कार - कहानी 'एक बेबाक लड़की की कहानी' के लिए प्रतिलिपि २०१६ कथा उत्सव सम्मान। संपर्क----------------ग्राम और पोस्ट-गंज जलालाबाद, जनपद-उन्नाव, पिन-२०९८६९, उत्तर प्रदेश ईमेल [email protected] blog --------------http://sudheer-maurya.blogspot.com 09619483963

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