डिफॉल्ट

हास्य

दुनियां कहाँ की कहाँ पहुँच गई हम भई वही के वही रहे.हमारी इस बड़बड़ाहट से पत्नी की नींद ख़राब हो गई और उसने हमें झिझोड़ कर उठा दिया.खुद तो घोड़े बेच कर सो जाते हो, सोते सोते घोड़े से हिनहिनाते रहते हो, रात भर कुछ न कुछ बड़बड़ाते रहते हो और मुझे सोने भी नहीं देते. मैंने कहा भाग्यवान मैं क्या करू तू कहती तो सही है पर न मैं सुधर सकता हूँ न तू. एक रास्ता है दोनों के सकून से सोने का. यह दो बैडरूम किस काम में आएंगे एक मैं तू सो ले एक मैं सो लेता हूँ.

सुनकर बोली वह तो ठीक है लेकिन बड़बड़ाने वाली क्या बात थी. मैंने बोला मैं मिनी स्टोर वाले से नहाने का लाइफबॉय साबुन मांग रहा था. लाल वाला लाइफबॉय साबुन दे दो. लाइफबॉय है जहाँ तंदुरस्ती है वहाँ. वह तो उसने दिखाया नहीं. कहता था वह तो नहीं है फेमा ले लो Dove लेलो. बाऊजी इसे इस्तेमाल करो फिर देखो कैसी स्किन चमकती है 

लाल वाला लाइफबॉय अब कौन लेता है.  मैंने पूछा दाम क्या है बोला बहुत सस्ता है बस 60 रुपये का एक है.उसकी बात सुनकर मन में सोचा चलो 60 रुपये वाला फ्लेमा ले लेते हैं, बुढ़ापे पे अपनी स्किन भी चमका लेते हैं कुछ शायद हम भी जवान लगने लगे.

मैं फ्लेमा लेने ही वाला था कि तूने जगा दिया.

😂😂😂

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020

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