गीतिका/ग़ज़ल

छूट गया

दिल ही तो था टूट गया ,
अपने हाथों छूट गया।

जिस नसीब पे नाज रहा ,
वही राह में रूठ गया।

गैर सभी नाकाम रहे ,
अपना हमको लूट गया।

हमने उसको बुरा कहा ,
वो फिर हमको कूट गया।

किस्मत ने धोया हमको ,
जब मै शादी रूट गया।

— महेंद्र कुमार वर्मा

महेंद्र कुमार वर्मा

द्वारा जतिन वर्मा E 1---1103 रोहन अभिलाषा लोहेगांव ,वाघोली रोड ,वाघोली वाघेश्वरी मंदिर के पास पुणे [महाराष्ट्र] पिन --412207 मोबाइल नंबर --9893836328

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