‘सिंदूर’ तो केवल एक ट्रेलर है
हाहाकार मचा हुआ है
आतंकी आकाओं की टोली में
मुंह छुपाते फिर रहे अब सारे
इतनी ताकत है भारत की गोली में
‘सिंदूर’ ने अपनी ताकत दिखाई
नौ आतंकी ठिकाने कर दिए तबाह
बेकार नहीं जाएगी उनकी कुर्बानी
ले डूबेगी तुझे उनकी आह
हम बुजदिल नहीं तुम्हारी तरह
सामने से आकर है लड़ते
मिट्टी में दफन करते हैं दुश्मन को
मरने से हम नहीं है ड़रते
पहलगांव की वह सुंदर धरती
लाल खून से थी अटी पड़ी
दोष नहीं था जिनका कोई
उनकी लाशें थी बिखरी पड़ी
खून सभी का एक सा है लाल
कट्टरवाद ने यह क्या कर डाला
सात जन्म का साथ सात दिन में खत्म
किसी ने आखिर क्या था बिगाड़ा
पहलगांव में निकली खून की
एक एक बूंद का देना होगा हिसाब
‘सिंदूर’ तो केवल एक ट्रेलर है
हम सब कुछ कर देंगे बर्बाद
— रवींद्र कुमार शर्मा