कविता

ऑपरेशन सिंदूर सफल हुआ

पहलगाम की धरती काँपी,
जब मासूमों पर वार हुआ,
पर्यटकों की हँसी बुझा दी,
आतंकी हमला शर्मसार हुआ।

भारत चुप ना बैठा था तब,
जवाब में दिल में आग जली,
वीरों ने रच डाली गौरव गाथा,
जो हर दिल में बस चली।

नाम था उसका “सिंदूर”,
शौर्य का वो रूप रंग था,
भारत माँ की रक्षा का वो,
हर बेटा फिर संग – संग साथ था।

राफेलों ने भेदे बादल,
ठिकाने नौ ध्वस्त हुए,
दुश्मनों का अभिमान टूटा,
गगन में जयघोष गूँजे।

ना कोई ढोल, ना नगाड़ा,
ना भाषण और ना शोर हुआ,
बस सीमा पार गया संदेश —
भारत कभी ना कमजोर हुआ।

वीरों की उस आहुति को,
हम शत-शत नमन करते है,
देश के हर बच्चे – बच्चे में,
वही वीरता का रंग हम भरते है।

— रूपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - rupeshkumar01991@gmail.com