बड़प्पन का मूल्यांकन
“मैं तो बड़ा होकर विराट कोहली बनूँगा ।” रिंकू ने छक्का जमाते हुए कहा ।
” मैं तो अंपायर बनूंगा । ” नन्हें पिंटू ने उसके छक्के के जवाब में अपने दोनों हाथ ऊपर उठाए और उसके छक्के को प्रमाणित किया ।
” हुंह! अंपायर ! जानते हो, बैट्समैन अंपायर से बहुत बड़ा होता है ।”
“अरे …बैट्समैन से अंपायर बड़ा हो ही नहीं सकता । अंपायर अगर उसे आउट कर देगा तो उसे आउट होना ही पड़ेगा । चाहे कुछ भी हो जाए ।” नन्हे पिंटू ने अपने तर्क से अंपायर के महत्व को बताने का प्रयास किया ।
“वाह भाई वाह! बैट्समैन को अंपायर बिना आउट हुए, कैसे आउट कर सकता है ? और सबसे बड़ी बात तो यह है कि बैट्समैन को ज्यादा पैसा मिलता है , अंपायर को कम ।” रिंकू ने कहा ।
अब तो पिंटू ने भी धीरे से सहमति में सिर हिलाया ” हाँ , तब तो बैट्समैन ही बड़ा हुआ ।”
अब वह अंपायरिंग छोड़कर बैटिंग के लिए आ खड़ा हुआ ।