मातृभूमि
मन में हो यह भावना
धर्म हो कोई भी
देश प्रथम हैं
वह मिट्टी हम पैदा हुए जिस में
जो करती लालन पोषण हमारा
वह माँ है हमारी
हम करते उसका सज़दा
जो आँख उठे कोई इस पर
उस आँख को नौच लो
जो उठाये कोई हाथ इस पर
वह हाथ तोड़ दो
हमारा वज़ूद है
अपनी धरती से
न उज़ड़ने दें हम इसको
जान की देकर भी क़ुरबानी
रक्षा करें इसकी