कविता

सिंदूर

पहलगाम में निर्दोषों की जान ली,
क्या सोचा कुछ होगा नही,
भारत बदल रहा हैं,
इसका पता पूरी दुनिया को पता चल गया,
सोचा होगा कुछ न होगा,
भारत डर जायेगा,
सिंदूर का बदला ले लिया,
बहुत सहा हमने अब न सहेंगे,
दुश्मन के निशान मिटा देंगे,
भारत जब शांत रहता है,
तो प्यार बरसाता है,
जब भारत के जवान के इशारा मिलता है,
तब इतिहास रच देता हैं,
जिन्होंने मासूम को दूसरी दुनिया पहुंचाया,
जवानों ने उनके घर को जलाया,
भारत ने नई शौर्य गाथा लिखी,
सारे जवानों को मेरा मेरा शत शत नमन।

— गरिमा लखनवी

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384

Leave a Reply