भारत रत्न धोंडो केशव कर्वे
अठारह अप्रैल अठारह सौ अट्ठावन को
महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के शेरावली में
निम्न मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में जन्मे।
पिता केशवपंत -माता लक्ष्मीबाई की संतान
भारतीय समाज सुधारक-शिक्षक धोंडो केशव कर्वे
जिन्हें महिला शिक्षा और विधवा विवाह के
समर्थन के लिए जाना जाता है।
भारत का पहला महिला विश्वविद्यालय की
स्थापना का गौरव जिनके नाम है।
पहले जीवित व्यक्ति के रूप में
भारतीय डाक विभाग ने जिन्हें सम्मानित किया गया,
मुंबई विश्वविद्यालय से गणित में स्नातकधारी
फर्ग्यूसन कॉलेज में गणित शिक्षण कार्य किया।
भारत सरकार ने धोंडो केशव कर्वे को
उन्नीस सौ अट्ठावन में भारत रत्न सम्मान दिया,
ऐसे समाज सुधारक को शत शत नमन वंदन है,
महिलाओं की शिक्षा और विधवा विवाह के लिए
धोंडो केशव कर्वे जी के कार्यों का अभिनंदन है,
ऐसे रत्न का नाम सदा अमर रहेगा,
देश ऐसे व्यक्तित्व पर सदा ही नाज करेगा।