सपनों के पर
चिड़िया सी उड़े, सपनों की डोर,
आसमान छूने का हो हर ओर शोर।
नन्हे पंखों में हो इतनी ताक़त,
हर मुश्किल से लड़ने का हो हिम्मत।
तारों की चमक, चाँद की चांदनी,
बचपन की हँसी, प्यारी सी नादानी।
धरती पे पाँव, आँखों में आसमान,
छोटे कदमों से रचें नये आयाम।
हाथों में कंचे, दिल में उमंग,
मिट्टी की खुशबू, सपनों की तरंग।
आगे बढ़ते जाओ, थामे अपनों का हाथ,
मुस्कुराहटों से भर दो ये छोटी सी बात।
— डॉ. सत्यवान सौरभ