कविता

कमल ही कमल

कमल ही कमल खिल रहा देश में, मोदीराज की आंधी आई,
जिसने किया कल्याण देश का,घर घर मन की बात पहुंचाई
अब मोदी राज़ है जबसे आया, जनता का कल्याण हो रहा
घर घर पहुँच रही है सुविधा, गरीब का देश में मान हो रहा,,
काले धन के पड़ गए लाले, नेकी से देश धनवान हो रहा,
जिसने लाखो लूट लूट खाये थे, बस पापी आज वही रो रहा,
जब जिसके हाथ पे थी सत्ता ,सबने ब्रष्ट रूप दिखाया ‘
भ्र्ष्टाचार का दामन पकड़ा , अपनों पे सर्वस्व लुटाया ,
परिवार वाद,कहीं जातिवाद से नेताओं ने खूब कमाया .
भरी तिजोरी सबने अपनी , लूट लूट जनता को खाया,
जो देश विदेश में घूम रहें हैं, लाखों की कारों में चलते .
आलीशान बंगलों में इनके, गिरे हुए कुछ चमचे पलते,
जनता को वह मूर्ख बता कर, अपना मतलब बना रहे थे,
यहीं है वो ‘गरीब’ इस देश के, जो फटी जेब दिखला रहें थे, ,
दलदल में फंसकर रह गया ‘हाथी’, हाथ ‘साथ’ को तरस रहा है,
‘साइकिल’ पुर्ज़े पुर्ज़े हो गयी , बस खाली टुकड़ों पे पसर रहा है, ,,
मोदी राज़ की आंधी में ‘झाड़ू’, तिनका तिनका बिखर गया है.
लालटेन की बाती बुझ गयी, अब अन्धकार में बिफर रहा है,
कमल ही कमल खिले हैं अब तो,देश में मोदीराज महक रहा है,
जब हुआ मुकाबला कमल के संग सबको लकवा मार गया ह
तिकडम सबने खूब लगाईं , पर खाली इन सबका वार गया है,
इनमे कोई देशभक्त नहीं. सब चापलूस इक थैली के चट्टे -बट्टे,
कैसे करेंगें मुकाबला कमल का, जब दांत सभी के हो गए खट्टे.,
मेरे देश की जनता आओ ,मिल मोदीराज सशक्त बनाओ,
‘कमल’को देकर वोट कीमती, जीवन भर की खुशियां पाओ,

— जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845

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