गीत/नवगीत

औरत?

केवल

माँ ही नहीं,

कामिनी भी है औरत।

केवल बहिन और बेटी ही नहीं,

रागिनी भी है औरत।

केवल पत्नी ही नहीं,

कामाग्नि दग्ध प्रेमिका भी है औरत।

केवल गृहिणी ही नहीं,

स्वामिनी भी है औरत।

केवल समर्पित ही नहीं,

दहेज के झूठे आरोप लगा,

छेड़छाड़ और बलात्कार का बहाना बना,

कानूनों का दुरूपयोग कर,

लुटेरी, लोभी, लालची भी है औरत।

केवल देवी ही नहीं,

मौत बांटती,

टुकड़े-टुकड़े कर

नीले ड्रमों में भर सीमेण्ट से पैक करती

राक्षसी भी है औरत।

औरत की व्याख्या संभव नहीं,

सभी गुणों, विशेषताओं का वर्णन करने में,

लेखनी है असमर्थ,

क्योंकि संपूर्ण सृष्टि को

समाए हुए है औरत।

सृजन का कोई भी रूप,

औरत का एकपक्षीय चित्रण करता है,

संपूर्ण चित्रण संभव ही नहीं,

पुरूष के साथ अपने आपको खोती

पुरूष से हो दूर

खुद से ही दूर जा रही है औरत।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)

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