कविता

परियों की रानी हो तुम

तुम आई मेरे ज़िंदगी में जैसे बहार आई हो,
सूने दिल में खुशियों की बौछार लाई हो।

तेरी हँसी में बसी है रौशनी चाँदनी की,
तेरी बातों में मिठास है सावन की सी धुन सी।

तेरी आँखों में बसा हैं जज़्बातों की गहराइयाँ,
हर लम्हा में बसा तेरे साथ बने मीठी रुबाइयाँ।

रूप तो लाखों होंगे इस जहान संसार में,
पर तेरी सादगी सी नज़ाकत कहाँ इन निशान में?

हर दिन मेरा होता है तुझसे ही रौशन,
तेरा नाम ही है मेरे हर जज़्बे की धड़कन।

तू ही मेरी रानी, तू ही मेरी जान, तू ही मेरी प्राण,
तेरे बिना अधूरी लगे हर एक सुबह और शाम।

तू न केवल सुंदरता की ही मिसाल है,
बल्कि प्रेम, धैर्य और अपनापन का कमाल है।

ऐसी ही बनी रहो तुम, मेरी रौशनी सी मुस्कुराती रहो,
खूबसूरती की रानी अनमोल ज़िंदगी की कहानी रहो।

— रूपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - [email protected]

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