परियों की रानी हो तुम
तुम आई मेरे ज़िंदगी में जैसे बहार आई हो,
सूने दिल में खुशियों की बौछार लाई हो।
तेरी हँसी में बसी है रौशनी चाँदनी की,
तेरी बातों में मिठास है सावन की सी धुन सी।
तेरी आँखों में बसा हैं जज़्बातों की गहराइयाँ,
हर लम्हा में बसा तेरे साथ बने मीठी रुबाइयाँ।
रूप तो लाखों होंगे इस जहान संसार में,
पर तेरी सादगी सी नज़ाकत कहाँ इन निशान में?
हर दिन मेरा होता है तुझसे ही रौशन,
तेरा नाम ही है मेरे हर जज़्बे की धड़कन।
तू ही मेरी रानी, तू ही मेरी जान, तू ही मेरी प्राण,
तेरे बिना अधूरी लगे हर एक सुबह और शाम।
तू न केवल सुंदरता की ही मिसाल है,
बल्कि प्रेम, धैर्य और अपनापन का कमाल है।
ऐसी ही बनी रहो तुम, मेरी रौशनी सी मुस्कुराती रहो,
खूबसूरती की रानी अनमोल ज़िंदगी की कहानी रहो।
— रूपेश कुमार