अकेलापन
रमोला शादी होकर ससुराल आई । वह एक आई टी कम्पनी में बहुत अच्छी पोस्ट पर कार्यरत थी । पति शलभ भी इंजीनियर थे । घर में सास ससुर ,देवर ,ननद सब थे और सबके साथ थी बुजुर्ग दादी सास । सब अपने कामों में व्यस्त रहते । रमोला शलभ सुबह निकलते रात तक घर आते । ससुर जी की फैक्ट्री थी वह सुबह चले जाते दोपहर में सासुजी भी फैक्ट्री चली जाती । ननद मोना और देवर रचित भी कालिज । घर पर रह जाती दादी सास और गृह सेविका राधा । आज छुट्टी थी रमोला बाहर घर की बगिया में लैप टाप पर काम कर रही थी । दादी सास उसके पास आकर बैठ गयीं । वह बोली बहू यह क्या है। रमोला बोली अम्मा यह लैपटॉप है। आप सीखेगी क्या । अम्मा बोली हां मेरा मन करता है मेरे पास पूरे दिन कोई नहीं रहता । रमोला ने दूसरे दिन अम्मा को लैपटॉप लाकर दिया और उनका एकाउंट बनाया और यूट्यूब पर भी एकाउंट बना दिया । प्रतिदिन आफिस से आकर उनको चलाना सिखाने लगी । घर में किसी को पता नहीं लगा ।बस सब सोचते आजकल अम्मा अपने कमरे में ही क्यों रहती हैं पर अधिक ध्यान नहीं दिया क्योंकि राधा उनके साथ ही रहती थी । एक दिन मोना ने जैसे ही यूट्यूब खोला देखा राधा ढोलक बजा रही है और अम्मा बहुत सुन्दर भजन गा रही हैं और उनके बहुत संख्या में फोलोर्स भी हैं । उसे बहुत आश्चर्य हुआ और बाहर सब डाइनिंग टेबल पर थे आकर सबको दिखाया । रमोला मन्द मन्द मुस्करा रही थी । अम्मा जब बाहर आई तब शलभ बोला अम्मा आप बहुत छिपी रूस्तम निकली । अम्मा ने रमोला के सिर पर आशीर्वाद का हाथ रख कर कहा तुमको मेरी चिन्ता नहीं थी । बस मेरी बहू ने मुझे सिखाया और मेरे अकेले पन का दर्द महसूस किया । सबको बहुत पछतावा हुआ कि बुजुर्ग कितना अकेला पन महसूस करते हैं।
— डा. मधु आंधीवाल