कुण्डली/छंद

सेना पर विश्वास

संकट आया देश पर, सेना पर विश्वास। 

बलशाली चौकस खड़े, दुश्मन का संत्रास।।

दुश्मन का संत्रास, भीति से थरथर काँपे।

आतंकी का नाश, ठिकाने पलभर में भाँपे।।

जड़ पर करते वार, किया ‘सिंदूर’ सफाया।

नेता दल दे साथ, देश पर संकट आया।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८

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