कविता

प्रकृति का प्रतिशोध : एक चेतावनी गीत

मत छेड़ प्रकृति को मानव!
यह मौन नहीं, ज्वाला है।
जिसको तू निर्बल समझे,
वो अग्नि-कणों की माला है।

बिजली बन कर टूटेगी,
जो तूने हरियाली छीनी,
आँधी बनकर फट पड़ेगी,
जो नदियों की गरिमा छीनी।

हिमगिरि के हिम पिघलेंगे,
समुद्र जब बाँध तोड़ देगा,
तू साधन की आस करेगा,
वह साधना ख़ुद छोड़ देगा।

तेरे कारखानों की साँसें,
मेरे वनों को खा गईं,
तेरे लोभ की लहरों में,
गंगा भी घुट-घुट बह गई।

जिस धरती पर खेला बचपन,
जिस नभ में उड़ते थे खग,
उसको ही तूने गंदा कर,
अब माँ से कर बैठा युद्ध!

रूका था तू लॉकडाउन में,
जब कुदरत हँस दी थी तन से,
फूलों में फिर रंग जगे थे,
बिजली चमकी थी मन से।

पर तू न सुधरता, मानव!
तेरा पाप बड़ा है भारी,
तू धर्म करे विज्ञान से,
पर नैतिकता तेरी हारी।

चेतावनी यह अंतिम है,
फिर रुख मेरा परिवर्तन है,
मैं क्षमा न करूँगी, जब-जब
तेरा लोभ हो निर्धारण है।

अरे! धरा की कोख जलाकर,
क्या तुम स्वर्ग बनाओगे?
जब श्वासों में जहर घुला हो,
किस जीवन को बचाओगे?

हवा रुदन कर कहती है,
“मुझे मत और प्रदूषित कर,
मैं जीवन हूँ, मृत्यु नहीं,
मुझको विष से मत विचलित कर!”

बबूल बोया है तूने,
आम कहाँ से पाएगा?
प्रकृति अगर रूठ गई तो,
कोई और नहीं बचाएगा।

ओ मनुज! विकास के नाम पर,
जो विनाश तू कर आया,
वह काल स्वयं बनकर आएगा,
तेरा अंत अब लाया।

तब जागो, अब भी समय है!
हर वृक्ष बने फिर मित्र तुम्हारा।
धरती को माँ कह कर जी लो,
वरना छिनेगा हक़ तुम्हारा!

— डॉ. सत्यवान सौरभ

डॉ. सत्यवान सौरभ

✍ सत्यवान सौरभ, जन्म वर्ष- 1989 सम्प्रति: वेटरनरी इंस्पेक्टर, हरियाणा सरकार ईमेल: satywanverma333@gmail.com सम्पर्क: परी वाटिका, कौशल्या भवन , बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045 मोबाइल :9466526148,01255281381 *अंग्रेजी एवं हिंदी दोनों भाषाओँ में समान्तर लेखन....जन्म वर्ष- 1989 प्रकाशित पुस्तकें: यादें 2005 काव्य संग्रह ( मात्र 16 साल की उम्र में कक्षा 11th में पढ़ते हुए लिखा ), तितली है खामोश दोहा संग्रह प्रकाशनाधीन प्रकाशन- देश-विदेश की एक हज़ार से ज्यादा पत्र-पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशन ! प्रसारण: आकाशवाणी हिसार, रोहतक एवं कुरुक्षेत्र से , दूरदर्शन हिसार, चंडीगढ़ एवं जनता टीवी हरियाणा से समय-समय पर संपादन: प्रयास पाक्षिक सम्मान/ अवार्ड: 1 सर्वश्रेष्ठ निबंध लेखन पुरस्कार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी 2004 2 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड काव्य प्रतियोगिता प्रोत्साहन पुरस्कार 2005 3 अखिल भारतीय प्रजापति सभा पुरस्कार नागौर राजस्थान 2006 4 प्रेरणा पुरस्कार हिसार हरियाणा 2006 5 साहित्य साधक इलाहाबाद उत्तर प्रदेश 2007 6 राष्ट्र भाषा रत्न कप्तानगंज उत्तरप्रदेश 2008 7 अखिल भारतीय साहित्य परिषद पुरस्कार भिवानी हरियाणा 2015 8 आईपीएस मनुमुक्त मानव पुरस्कार 2019 9 इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ रिसर्च एंड रिव्यु में शोध आलेख प्रकाशित, डॉ कुसुम जैन ने सौरभ के लिखे ग्राम्य संस्कृति के आलेखों को बनाया आधार 2020 10 पिछले 20 सालों से सामाजिक कार्यों और जागरूकता से जुडी कई संस्थाओं और संगठनों में अलग-अलग पदों पर सेवा रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, (मो.) 9466526148 (वार्ता) (मो.) 7015375570 (वार्ता+वाट्स एप) 333,Pari Vatika, Kaushalya Bhawan, Barwa, Hisar-Bhiwani (Haryana)-127045 Contact- 9466526148, 01255281381 facebook - https://www.facebook.com/saty.verma333 twitter- https://twitter.com/SatyawanSaurabh